
TALK TO ASTROLOGER


Shri Sankat Mochan Charitable Society (Reg.)
There are a series of events for devotees organized by Sankat Mochan Charitable Society. Jagran is held on every Puranmashi starting from 8:00pm to 5:00am. The Chawki is organized on every Tuesday from 8:00 am to 5:00pm and on Saturday from 8:00 pm to 12:00 am. We organize Bala Ji Jagran on every Hanuman Jayanti. Ramayana and Sunderkand Path is held on 12th and 17th January every year. Also, Path Bhog and Maha Yag are performed on 17th of January. Mahamai Jagron is held every month in Sawan. On every Hanuman Jayanti and Sharad Purnima, Langar is organized for 5 days. Medical Camps are conducted for people 3 times in a particular year.
Mantra
प्रेत बाधा दूर करे चमत्कारी हनुमान मंत्र
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार हनुमानजी का नाम लेने से भूत-प्रेत आदि सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। यदि आप भी ऐसी ही किसी बाधा से पीडि़त हैं तो नीचे लिखे हनुमान मंत्र से इस समस्या का हल संभव है। यदि इस मंत्र का जप विधि-विधान से किया जाए तो कुछ ही समय में ऊपरी बाधा का निवारण हो सकता है। यह हनुमान मंत्र इस प्रकार है-हनुमन्नंजनी सुनो वायुपुत्र महाबल:। अकस्मादागतोत्पांत नाशयाशु नमोस्तुते।। जप विधि :- स्वच्छ अवस्था में यानी स्नान आदि करने के बाद हनुमानजी की पूजा करें और उन्हें सिंदूर तथा गुड़-चना चढ़ाएं।इसके बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश का आसन ग्रहण करें।
तत्पश्चात लाल चंदन की माला से ऊपर लिखे मंत्र का जप करें।
इस मंत्र का प्रभाव आपको कुछ ही समय में दिखने लगेगा।
संकटों को दूर करे ये हनुमान मंत्र
बला टाले ये श्री हनुमान गायत्री मंत्र
हिन्दू धर्म में एक ही ईश्वर अलग-अलग देवशक्तियों के रूप में पूजनीय है। वैसे तो हर देव शक्ति कल्याणकारी ही होती है, लेकिन धर्मशास्त्रों में सांसारिक जीवन की कामना विशेष को पूरा करने या दोष-बाधाओं को दूर करने के लिए विशेष देव शक्तियों की उपासना विशेष फलदायी मानी गई है। मातृशक्ति गायत्री को भी परब्रह्म यानी सर्वशक्तिमान ईश्वर माना गया है। गायत्री साधना भी 24 देवशक्तियों से जोडऩे वाली मानी गई है यानी सिर्फ गायत्री उपासना से 24 अलग-अलग देवताओं की उपासना से मनचाहे फल पाए जा सकते हैं। जिसके लिए गायत्री मंत्र के साथ इन 24 देवताओं के अलग गायत्री मंत्र के स्मरण का महत्व बताया गया है।हर इंसान जीवन से जुड़ी विशेष कामनापूर्ति व समस्याओं, कमी या दोष से छुटकारे के लिए उसी गुण और शक्ति वाले देवता की गायत्री का स्मरण करे तो बहुत ही शुभ फल प्राप्त होते हैं।गायत्री की इन 24 देवशक्तियों में एक है – श्री हनुमान। जिनकी उपासना शक्ति और समर्पण का भाव जाग्रत करने वाली मानी गई है। जिसके लिए हनुमान गायत्री मंत्र असरदार माना गया है।व्यावहारिक जीवन के नजरिए से श्री हनुमान गायत्री मंत्र का स्मरण इंसान को निडर, संयमी, धैर्यवान, जिम्मेदार, समर्पित, विश्वासपात्र और गुण संपन्न बना देता है। जानते हैं यह श्री हनुमान गायत्री मंत्र और सरल पूजा विधि -प्रात: स्नान कर देवालय में माता गायत्री व श्री हनुमान की लाल चंदन, अक्षत, लाल पुष्प अर्पित कर पूजा करें।इस सामान्य पूजा के बाद घी का दीप जलाकर पहले माता गायत्री का ध्यान गायत्री मंत्र की एक माला यानी 108 बार बोलकर करें।
इसके बाद श्री हनुमान का ध्यान व अमंगल और अशुभ को टालने की कामना करते हुए श्री हनुमान गायत्री का नीचे लिखा मंत्र की एक माला यानी 108 बार बोलें।
ॐ अंजनीसुताय विद्महे, वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो मारुति: प्रयोचदयात्।।
पूजा और मंत्र जप के बाद माता गायत्री और श्री हनुमान को मिठाई, फल या सूखे मेवों का भोग लगाकर गायत्री आरती और हनुमान आरती करें।
इस दौरान हुए जाने-अनजाने दोषों की क्षमाप्रार्थना कर आरती और प्रसाद ग्रहण करें।
समयाभाव से अगर उपरोक्त मंत्रों की एक माला संभव न हो तो कम से कम 11 बार श्रद्धा से मंत्र जप भी शुभ फल देता है
हर सुबह बोलें यह हनुमान मंत्र
सांसारिक जीवन की आपाधापी में हर इंसान जीवन से जुड़े हर काम में अच्छे नतीजे ही चाहता है। लेकिन जीवन ही कैसे अच्छा बना लें? इस बारे में बिरले लोग ही विचार कर पाते हैं। अगर जीवन को ही अच्छे आचरण, अनुशासन और संकल्पों से जोड़ लिया जाए तो फिर किसी भी कार्य की सफलता में भय, संशय पैदा नहीं होता।हनुमान भक्ति जीवन में अच्छे आचरण को अपनाने के लिये सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। शास्त्रों में हनुमान का स्मरण किसी भी वक्त अच्छे कामों व सोच की प्रेरणा ही देता है। इसलिए शास्त्रों में बताया गया विशेष हनुमान मंत्र हर रोज सुबह खासतौर पर हनुमान जयंती यानी चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर स्मरण किया जाए तो लक्ष्य की सफलता को लेकर पैदा होने वाले भय-संशय व बाधाएं खत्म हो जाते हैं। साथ ही अशुभ बातों से हमेशा रक्षा होती है।
जानिए हैं यह मंत्र -स्नान के बाद श्री हनुमान प्रतिमा को पवित्र जल से स्नान कराने अष्टगंध, लाल चंदन, तिल का तेल और सिंदूर, सुपारी, नारियल, लाल फूलों की माला व गुड़ अर्पित करे।
यथासंभव लाल वस्त्र पहन उत्तर दिशा की ओर मुख कर लाल आसन पर बैठ सामने श्री हनुमान की तस्वीर रख नीचे लिखे मंत्र हनुमान स्वरूप का ध्यान कर सुखी, समृद्ध व संकटमुक्त जीवन की कामना से करें
उद्यन्मार्तण्ड कोटि प्रकटरूचियुक्तंचारूवीरासनस्थं। मौंजीयज्ञोपवीतारूण रूचिर शिखा शोभितं कुंडलांकम्। भक्तानामिष्टदं तं प्रणतमुनिजनं वेदनाद प्रमोदं। ध्यायेद्नित्यं विधेयं प्लवगकुलपतिगोष्पदी भूतवारिम्।।
मंत्र स्मरण के बाद मिठाई का भोग लगा धूप, दीप व कर्पूर आरती करें व क्षमा प्रार्थना करे।
रोग मुक्ति हेतु
कर्जें से मुक्ति हेतु
मान-सम्मान की प्राप्ति हेतु
दुर्घटना निवारण हेतु
पारिवारिक सुख हेतु
मुसीबतों को दूर करे हनुमान मंत्र
मनोकामना पूरी करे ये हनुमान मंत्र
हौंसले बढ़ाये ये मंत्र
ॐ वायु पुत्राय नमः
ॐ रुद्राय नमः
ॐ अजराय नमः
ॐ अमृत्यवे नमः
ॐ वीरवीराय नमः
ॐ वीराय नमः
ॐ निधिपतये नमः
ॐ वरदाय नमः
ॐ निरामयाय नमः
ॐ आरोग्यकर्त्रे नमः
हनुमान मंत्र से करें कालसर्प दोष शांति
किंतु जब भी इंसान संकट या कष्ट से गुजरता है तो रामभक्त
हनुमान को ही स्मरण किया जाता है। श्री हनुमान संकटमोचक भी
कहलाते हैं। इसलिए कालसर्प दोष शांति के लिए भी हनुमान
उपासना बहुत ही शुभ मानी गई है। श्री हनुमान के कुछ ऐसे
दिव्य मंत्र माने गए हैं, जिनके जप से कालसर्प दोष से मिल
रहे तमाम दु:खों की काट होती है। इनमें से ही एक मंत्र है ऊँ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्।कुण्डली में कालसर्प की दशा में हर रोज पवित्र होकर श्री हनुमान की पूजा करें। पूजा में हनुमान को चमेली या कोई भी सुगंधित तेल के साथ सिंदूर चढ़ाए या चोला चढ़ाएं। लाल चंदन, लाल फूल भी पूजा में शामिल करें। भोग में चने-गुड़ का प्रसाद चढ़ाएं।इसके बाद इस हनुमान मंत्र का कम से कम पांच बार संभव हो तो १०८ बार एक माला का जप करें। हर रोज संभव न हो मंगलवार और शनिवार के दिन इस मंत्र का जप करें। इस मंत्र के असर से शनि ग्रह की दोष शांति भी होती है।
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